भारत की पहली कोरोना पीड़िता महिला ने ठीक होकर बताया अपना अनुभव, जानें पूरा मामला

भारत की पहली कोरोना पीड़िता महिला ने ठीक होकर बताया अपना अनुभव, जानें पूरा मामला

सेहतराग टीम

चीन से फैला कोरोना वायरस अबतक लगभग 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। वहीं इस वायरस की वजह से लगातार लोगों में डर भी फैलता चला जा रहा है। यह इसलिए क्योंकि अभी तक इस वायरस का कोई इलाज नहीं मिला है। इसके अलावा लगातार इसके मरीज भी बढ़ते चले जा रहे हैं। एक तरफ जहां यह वायरस चीन में तबाही मचाने के बाद पूरे विश्व में पैर पसार चुका है। वहीं दूसरी तरफ भारत में लगातार इसका खतरा बढ़ता चला जा रहा है। दरअसल भारत में भी अबतक लगभग 70 मामले सामने आ चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ता चली जा रही है। जैसे-जैसे संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, वैसे-वैसे लोगों में डर भी पैदा होता चला जा रहा है। वहीं इस डर को देखते हुए भारत की पहली पीड़िता ने अपने अनुभव शेयर किए, जिसमें उन्होंने लोगों को इस वायरस के बारे में बताया है। दरअसल उस पीड़िता ने बीमारी के समय उसके साथ क्या-क्या हुआ वह उन्होंने बताया। वहीं आपको बता दे कि अब वह इस बीमारी को मात देकर पूरी तरह सही हो गई है।

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कोरोना वायरस को मात देने के बाद भारत की पहली पीड़िता ने कहा कि वह 23 जनवरी को अपने अन्य भारतीय दोस्तो के साथ बुहान के मेडिकल कॉलेज से निकल गई। वुहान इस वायरस का केंद्र था जहां से इस वायरस ने अपने पैर पसारने शुरू किए थे। सभी छात्रों को जानकारी हुई कि बहुत से लोगों को निमोनिया हुआ है। कैंपस छोड़ने के बाद चांग्शुई इंटरनेशनल एयरपोर्ट जाने के लिए ट्रेन ली। 

एयरपोर्ट पर उन्हें पता चला कि कोलकाता के लिए टिकट की कीमत जो आम दिनों में 25 हजार थी वो अब 60 हजार तक पहुंच गई थी। तब तक किसी तरह की एयरलिफ्ट की सुविधा भी नहीं शुरू हुई थी, इसलिए इतनी महंगी टिकट खरीदने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। वहां से फ्लाइट लेने के बाद ये 24 जनवरी को थ्रीशुर पहुंचे। 

''27 जनवरी को छात्रा को अचानक से कफ और गले में खराश पैदा होने लगी। इसके बाद वहां के लोकल हेल्थ इंस्पेक्टर को इसकी जानकारी दी गई। उन्हें तुरंत पास के एक जनरल अस्पताल में तीन और लोगों के साथ भर्ती कराया गया। जांच होने के बाद किसी ने मुझे नहीं बताया कि मुझे क्या हुआ है'' 

''30 जनवरी को मुझे पता चला कि मैं कोरोना वायरस से पीड़ित हूं''। ये भारत का पहला कोरोना वायरस का मामला सामने आया था। ''मुझे अचानक से डर लगने लगा कि अब क्या होगा और इस वायरस से मेरा परिवार भी इसकी चपेट में आ जाएगा''। उस दिन की शाम को हेल्थ ऑफिसर ने पीड़ित से मुलाकात कर ये जानने की कोशिश की, कि उसके संपर्क में कौन-कौन आया था। जिसके बाद उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की जांच की गई। जिसमें पाया गया कि युवती के साथ यात्रा करने वाली एक दूसरी युवती में भी ये वायरस पाया गया। ये भारत का दूसरा मामला सामने आया था। 

''मैं बहुत दिनों तक आइसोलेशन पर रही जिसमें मैंने लोगों से फोन पर बात कर उन्हें कोरोना के बारे में बहुत कुछ बताया"। लगभग 12 फरवरी के आसपास वो इस बीमारी से टूटने लगी, पीड़ित ने बताया कि ''हेल्थ इंस्पेक्टर और काउंसलर ने उन्हें मोटिवेट करने का काम किया और उन्हें जल्द स्वस्थ होने का भरोसा दिलाया''19 फरवरी को उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई और घर पर देखरेख के लिए कहा गया। 1 मार्च तक पीड़िता को भीड़भाड़ वाली जगह से जाने के लिए मना किया गया। युवती और उसके परिवार ने सोशल मीडिया को अपना निशाना बना लिया था। पीड़िता का नाम और तस्वीर हर जगह फैल गई थी, जो कि उन्हें काफी परेशान करने वाली चीज थी। 

पीड़िता ने बताया कि ''कोरोना वायरस से छुटकारा पा कर और स्वस्थ होकर मुझे एन95 मास्क लगाने के लिए कहा था, जो कि कहीं भी नहीं मिल रहा था। लेकिन मेरे लिए एक सकारात्मक चीज ये थी कि मैं स्वस्थ हो गई थी और अब मैं फिर से चाइना जाकर अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करूंगी'' 

(साभार- दैनिक जागरण)

 

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